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बीकाम सेमेस्टर-5 माल एवं सेवा कर

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2807
आईएसबीएन :0

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बीकाम सेमेस्टर-5 माल एवं सेवा कर - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 9

अन्य

(Others)

प्रश्न- HSN कोड का वर्णन कीजिए।

उत्तर -

HSN कोड
(HSN Code)

HSN कोड, हार्मोनाइज्ड कॉमोडिटी डेस्क्रिप्शन एण्ड कोडिंग सिस्टम जिसे हार्मोनाइज्ड सिस्टम ऑफ नॉमक्लेचर भी कहते हैं, का संक्षिप्त व सरल रूप है। इसे विश्व सीमा शुल्क संगठन द्वारा विकसित नामकरण प्रणाली माना जाता है। इसमें लगभग 5,000 वस्तुएँ शामिल की गयी है तथा प्रत्येक हेतु छः अंकों वाली पहचान संख्या तय की गयी है जिसे कानूनी एवं तार्किक संरचना में व्यवस्थित किया गया है। इसका नेर्धारित नियमों के अनुसार समान वर्गीकरण किया जाना संभव है।

HSN प्रणाली की शुरूआत विश्वभर में माल के व्यवस्थित वर्गीकरण के लिए की गयी है। यह कोड 6 अंकीय यूनीफॉर्म कोड है। इसे विश्वभर में मान्यता मिली हुई है। HSN कोड की शुरूआत वर्ष 1988 में की गई थी।

HSN कोड किस प्रकार कार्य करता है (How does HSN Code Work) - HSN कोड लगभग 5,000 वस्तुओं का समूह है। प्रत्येक की पहचान 6 अंकीय कोड से की जाती है। यह वैधानिक एवं तार्किक ढाँचे से व्यवस्थित है। एक समान वर्गीकरण करने के लिए इसके सुस्पष्ट नियम है।

माल तथा सेवा कर के अधीन HSN कोड का महत्व (Importance of HSN Code Under Goods and Services Tax

HSN कोड का प्रमुख प्रयोजन व्यवस्थित एवं तार्किक रूप में सम्पूर्ण विश्व के माल का वर्गीकरण करना है। इससे माल का समान वर्गीकरण होता है तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में सुविधा होती है।

HSN कोड माल के विस्तृत विवरण को अपलोड करने की आवश्यकता को समाप्त कर देता है। इससे माल तथा सेवा कर विवरणियाँ फाइल करने में समय की बचत होती है तथा इन्हें फाइल करना आसान हो जाता है।

डीलर अथवा सेवाप्रदाता को अपने GSTR-1 में बिक्री का सक्षिप्त विवरण HSN / SAC अनुसार देना चाहिए वशर्ते कि उसका टर्नओवर निर्धारित खण्ड से ऊपर हो।

HSN का विश्वव्यापी होना
(HSN World wide)

HSN प्रणाली का उपयोग 200 से अधिक देश तथा अर्थव्यवस्थाएँ कर रही है। इसका उपयोग किए जाने के निम्नलिखित कारण है- 

1. एक समान वर्गीकरण
2. सीमा शुल्क टैरिफं हेतु आधार
3. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापारिक आँकड़ों का संग्रह।

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में 98% से अधिक व्यापारिक माल को HSN के संदर्भ में वर्गीकृत किया जाता है।

HSN संख्या को प्रत्येक वस्तु के लिए अधिकांश देशों द्वारा स्वीकार किया जाता है। लगभग सभी माल के लिए HSN संख्या एक ही रहती है। परन्तु कुछ देशों में प्रयुक्त संख्या में माल की प्रकृति के आधार पर थोड़ा अन्तर हो सकता है।

भारत में HSN
(HSN in India)

भारत वर्ष 1971 से विश्व सीमा शुल्क का संगठन का एवं केन्द्रीय उत्पाद शुल्क हेतु वस्तुओं के वर्गीकरण के लिए 6 सदस्य है। यह मूलरूप से सीमा शुल्क अंकीय HSN कोड का उपयोग करता था। आगे चलकर सीमा शुल्क एवं केन्द्रीय उत्पाद शुल्क ने कोड को और अधिक सटीक बनाने के लिए इसमें दो और अंक जोड़ दिए जिससे अब यह 8- अंकीय वर्गीकरण बन गया है।

HSN कोड को समझना
(Understanding the HSN Code)
(HSN in India)

HSN ढाँचे में 21 खण्ड, 99 अध्याय, लगभग 1244 शीर्षक तथा 5224 उप-शीर्षक शामिल. हैं।

1. प्रत्येक खण्ड अध्यायों में विभाजित है। प्रत्येक अध्याय शीर्षकों में बँटा हुआ है। प्रत्येक शीर्षक उप- शीर्षकों में विभाजित किया गया है।

2. खण्ड एवं अध्याय के शीर्षक माल के व्यापक वर्गीकरण को बताते हैं जबकि शीर्षक तथा उप-शीर्षक विस्तृत रूप से उत्पादों के बारे में बताते है।

उदाहरण - टेक्सटाइल से बना रूमाल 62.13.90 के रूप में इंगित होता है।

यहाँ प्रथम दो अंक (62) कपड़े एवं क्लोजिंग एसेसरीज के समान हेतु अध्याय संख्या बताते है। यह कपड़ा बिना बुना हुआ होता है।

आगामी 2 अंक (13) रूमालों के लिए शीर्षक संख्या को बताते है।

अन्त में दिए हुए दो अंक (90) अन्य टेक्सटाइल सामग्री से निर्मित रूमालों हेतु उत्पाद कोड है।

• भारत में गहन वर्गीकरण के लिए 2 अधिक अंक शामिल किए गए हैं।
• यदि रूमाल व्यक्ति निर्मित फाइबर से बनाए जाते हैं, तो HSN कोड 62.13.90.10 होता है। .
• यदि रूमालों को सिल्क अथवा सिल्क के अपशिष्ट से बनाया जाता है, तो HSN कोड 62.13.90 होता है।

माल तथा सेवा कर में HSN कोड (HSN Code in Goods and Services Tax) - 1.5 करोड़ ₹ से कम वार्षिक टर्नओवर की दशा में HSN कोड का उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है। यदि टर्नओवर 1.5 ₹ करोड़ से 5 करोड़ ₹ तक वार्षिक हो, तो 2 अंकीय HSN कोड का उपयोग किया जा सकता है। वार्षिक टर्नओवर 5 करोड ₹ से ज्यादा होने पर 4 अंकीय HSN कोड का उपयोग आवश्यक होता है।

इसे संक्षेप में अग्रवत बताया जा सकता है-

वार्षिक टर्नओवर घोषित होने वाले HSN के अकों की संख्या
1.5 करोड़ ₹ तक 0
1.5 करोड से 5 करोड ₹ तक 2
5 करोड ₹ से अधिक 4

ये HSN कोड माल तथा सेवा कर के अधीन करदाता द्वारा जारी प्रत्येक कर बीजक में घोषित किए जाने चाहिए।

गतवर्ष का टर्नओवर उपयोग किए जाने वाले HSH अंकों की संख्या को जानने के आधार के रूप में माना जायेगा।

HSN कोड के सभी 8 अंक उस स्थिति में आवश्यक होंगे जब माल तथा सेवा कर के अधीन निर्यात एवं आयात हो।

कन्फैक्शनरी मदों के HSN कोड के उदाहरण निम्नलिखित हैं- 

HSN कोड मद (Items)
1704 सुगर कन्फैक्शनरी
170410 सुगर कोटेड च्युइंगम
170490 कोका रहित अन्य कन्फैक्शनरी
17049010 जैली कन्फैक्शनरी
17049020 बॉइल्ड स्वीट फिल्ड
17049030 टॉफी कैरेगल व स्वीट

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- कर का आशय तथा प्रकार बताइये। अप्रत्यक्ष कर क्या होता है? क्या माल एवं सेवा कर भारत में पहले लागू अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का उपचार है?
  2. प्रश्न- भारत में पूर्ववर्ती अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की उन कमियों को बताइये जिन्होंने माल एवं सेवा कर व्यवस्था को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
  3. प्रश्न- स्पष्ट कीजिए कि माल एवं सेवा कर पूर्ववर्ती अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के दोषों का उपचार है।
  4. प्रश्न- माल एवं सेवा कर की अवधारणा समझाइये। इसकी आवश्यकता तथा उद्देश्य क्या हैं?
  5. प्रश्न- माल एवं सेवा कर की आवश्यकता तथा उद्देश्य बताइए।
  6. प्रश्न- माल एवं सेवा कर की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
  7. प्रश्न- भारत में माल एवं सेवा कर इतिहास / पृष्ठभूमि समझाइये।
  8. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अन्तर्गत निम्नलिखित पदों को परिभाषित कीजिए -
  9. प्रश्न- माल एवं सेवा कर नेटवर्क का वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- माल एवं सेवा कर नेटवर्क के उद्देश्य क्या हैं?
  11. प्रश्न- माल एवं सेवा कर नेटवर्क के लक्षण बताइये।
  12. प्रश्न- जी.एस.टी. नेटवर्क के क्या कार्य है?
  13. प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद की संरचना तथा कार्यों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद के प्रमुख लक्षण क्या हैं?
  15. प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद के कार्यों को बताइए।
  16. प्रश्न- माल एवं सेवा कर परिषद की सभाओं के बारे में लिखिए।
  17. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के व्यापार, विनिर्माण, सेवा आदि क्षेत्रों पर प्रभाव बताइये।
  18. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के निम्नांकित पर प्रभाव बताइये। (a) सेवाप्रदाताओं पर (b) उपभोक्ताओं पर (c) केन्द्रीय सरकार पर (d) राज्य सरकारों पर
  19. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के देश पर तथा विशिष्ट क्षेत्रों पर प्रभाव बताइये।
  20. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के समग्र प्रभाव बताइये।
  21. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के उद्ग्रहण को समझाइये।
  22. प्रश्न- जी.एस.टी. नेटवर्क की सेवाएँ बताइए। इस नेटवर्क के द्वारा करदाता कौन-सी सूचनाएं देते हैं?
  23. प्रश्न- माल एवं सेवा कर के अधीन कर के भुगतान के लिए कौन दायी होता है?
  24. प्रश्न- जी एस टी के लाभ-हानियों का उल्लेख करें-
  25. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अन्तर्गत आपूर्ति से आपका क्या आशय है? इसके क्षेत्र को विस्तारपूर्वक समझाइये।
  26. प्रश्न- आपूर्ति के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  27. प्रश्न- 'संयुक्त आपूर्ति' व प्रमुख आपूर्ति तथा 'मिश्रित आपूर्ति का आशय बताइये। इनमें अन्तर तथा कर दायित्व का वर्णन कीजिए।
  28. प्रश्न- संयुक्त आपूर्ति पर करदेयता को बताइए।
  29. प्रश्न- मिश्रित आपूर्ति का आशय बताइए।
  30. प्रश्न- मिश्रित आपूर्ति की दशा में करदेयता बताइए।
  31. प्रश्न- संयुक्त आपूर्ति तथा मिश्रित आपूर्ति में अन्तर बताइये।
  32. प्रश्न- आपूर्ति का समय क्या होता है? आपूर्ति के समय पर माल एवं सेवा कर की दरों में परिवर्तन का प्रभाव बताइये।
  33. प्रश्न- माल की आपूर्ति का समय बताइए।
  34. प्रश्न- सेवाओं की आपूर्ति का समय बताइये।
  35. प्रश्न- आपूर्ति के समय पर माल एवं सेवा कर की दरों में परिवर्तन का प्रभाव बताइए।
  36. प्रश्न- आपूर्ति का मूल्य क्या है? इसकी गणना के सम्बन्ध में सामान्य नियम बताइए।
  37. प्रश्न- आपूर्ति के मूल्य के लक्षण बताइए।
  38. प्रश्न- आपूर्ति के मूल्य की गणना के सम्बन्ध में सामान्य नियम बताइये।
  39. प्रश्न- कम्पोजीशन योजना की विशेषताएँ तथा लाभ व हानियाँ बताइए।
  40. प्रश्न- कम्पोजीशन योजना की हानियाँ बताइए।
  41. प्रश्न- आपूर्तिकर्ता तथा प्राप्तकर्ता का स्थान भारत में होने की दशा में सेवाओं की आपूर्ति का स्थान समझाइये।
  42. प्रश्न- सेवाओं की आपूर्ति का स्थान बताइये यदि आपूर्तिकर्ता का स्थान अथवा प्रापक का स्थान भारत के बाहर हो।
  43. प्रश्न- सम्बन्धित व्यक्ति, भिन्न व्यक्ति तथा परिवार में कौन शामिल है?
  44. प्रश्न- वे गतिविधियाँ या लेनदेन बताइये जिन्हें न तो माल की आपूर्ति और न ही सेवा की आपूर्ति के रूप में माना जायेगा।
  45. प्रश्न- अन्तर्गमन तथा बहिर्गमन आपूर्तियाँ क्या होती हैं?
  46. प्रश्न- माल अथवा सेवाओं अथवा दोनों की आपूर्ति का स्थान समझाइये।
  47. प्रश्न- भिन्न अथवा सम्बन्धित व्यक्तियों के मध्य आपूर्ति के मूल्य निर्धारण के नियम बताइये।
  48. प्रश्न- आपूर्ति के मूल्य निर्धारण हेतु निम्नलिखित के बारे में नियम बताइये - एजेण्ट के माध्यम से आपूर्ति
  49. प्रश्न- प्रमुख करमुक्त सेवाओं को बताइये।
  50. प्रश्न- प्रमुख करमुक्त माल की सूची बनाइए।
  51. प्रश्न- निम्नांकित सेवाओं के बारे में माल एवं सेवा कर विधान के अन्तर्गत प्रदत्त करमुक्ति के प्रावधान बताइये- (a) पुण्यार्थ संस्थान द्वारा सेवा, (b) सरकार द्वारा सेवा, (c) धार्मिक सेवा।
  52. प्रश्न- लघु आपूर्तियों पर टिप्पणी लिखिए।
  53. प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट का आशय क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइये।
  54. प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट की विशेषताएँ बताइये।
  55. प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट की उपलब्धता के लिए क्या शर्तें निर्धारित की गयी हैं? उनका वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- इनपुट टैक्स क्रेडिट को प्राप्त करने हेतु शर्तें बताइए।
  57. प्रश्न- केन्द्रीय माल तथा सेवाकर अधिनियम, 2017 की धारा 17 के अन्तर्गत जिन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध नहीं होती है, उनके बारे में बताइये। क्रेडिट विभाजन के बारे में समझाइये।
  58. प्रश्न- क्रेडिट विभाजन सम्बन्धी प्रावधान बताइये।
  59. प्रश्न- सेवा वितरक से आप क्या समझते हैं? इसके द्वारा क्रेडिट का वितरण समझाइये।
  60. प्रश्न- इनपुट सेवा वितरक द्वारा क्रेडिट का वितरण समझाइये।
  61. प्रश्न- माल तथा सेवाकर के अन्तर्गत कर के भुगतान की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। माल तथा सेवाकर भुगतान प्रक्रिया के प्रमुख लक्षण लिखिए।
  62. प्रश्न- कर भुगतान के प्रमुख लक्षण बताइये।
  63. प्रश्न- माल तथा सेवाकर के अन्तर्गत करों के भुगतान हेतु रखे जाने वाले विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक अभिलेखों को समझाइए।
  64. प्रश्न- इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर को समझाइए।
  65. प्रश्न- इलेक्ट्रॉनिक दायित्व रजिस्टर के बारे में बताइए।
  66. प्रश्न- करदाता को कितने प्रकार के रिफण्ड (धन वापसी) उपलब्ध होते हैं? रिफण्ड के दावे की प्रक्रिया समझाइये।
  67. प्रश्न- रिफण्ड के दावे की प्रक्रिया समझाइए।
  68. प्रश्न- अन्यायपूर्ण संवर्धन का सिद्धान्त क्या है? इसकी विशेषताएँ बताइए।
  69. प्रश्न- उपभोक्ता कल्याण कोष को समझाइए।
  70. प्रश्न- माल तथा सेवाकर के अन्तर्गत स्रोत पर कर की कटौती के बारे में क्या व्यवस्था की गई है?
  71. प्रश्न- स्रोत पर कर संग्रह के बारे में लिखिए।
  72. प्रश्न- विवरणी से आप क्या समझते हैं? इसके उद्देश्य बताइए। माल एवं सेवा कर विधान के अधीन विवरणियों को फाइल करने के लिए कौन उत्तरदायी है तथा किसे मुक्ति दी गयी है?
  73. प्रश्न- विवरणियों के उद्देश्य बताइए।
  74. प्रश्न- विवरणियों के लिए उत्तरदायी व्यक्तियों को बताइए।
  75. प्रश्न- "विवरणी फाइल करने के माध्यम तथा विवरणियों के प्रकार बताइए। बहिर्गमन आपूर्ति तथा अन्तर्गमन आपूर्ति के विवरण प्रस्तुतीकरण को समझाइए।
  76. प्रश्न- बहिर्गमन आपूर्तियों के विवरण प्रस्तुतीकरण को स्पष्ट कीजिए।
  77. प्रश्न- अन्तर्गमन आपूर्तियों के विवरण प्रस्तुतीकरण को बताइए।
  78. प्रश्न- माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर अथवा जी एस टी व्यवसायी कौन होता है? इसके पात्रता मानदण्ड बताइए। इसके सम्बन्ध में अनुमोदन की रीति, गतिविधियाँ, शर्ते तथा विवरण के ठीक होने के उत्तरदायित्व के बारे में लिखिए।
  79. प्रश्न- माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर हेतु अनुमोदन प्रक्रिया क्या है? माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर की गतिविधियाँ बताइये।
  80. प्रश्न- माल एवं सेवा कर प्रैक्टिशनर हेतु शर्तें क्या है? विवरण के ठीक होने के सम्बन्ध में इसका उत्तरदायित्व बताइए।
  81. प्रश्न- जी एस टी आर-3 में मासिक विवरणी का प्रस्तुतीकरण बताइये।
  82. प्रश्न- वार्षिक विवरणी क्या होती है? बताइए।
  83. प्रश्न- अन्तिम विवरणी के बारे में बताइए। विवरणी फाइल करने में चूक करने वालों को सूचना देने तथा विलम्ब शुल्क की उगाही के बारे में क्या व्यवस्था की गयी है?
  84. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अधीन किस प्रकार के व्यक्ति पंजीकरण कराने के लिए दायी होते हैं? समझाइये।
  85. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम 2017 की धारा 24 के अधीन कौन से व्यक्तियों को पंजीयन कराना आवश्यक है?
  86. प्रश्न- अन्य मामलों में पंजीयन हेतु कौन दायी है?
  87. प्रश्न- केन्द्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 25 के अधीन पंजीकरण प्रक्रिया समझाइये।
  88. प्रश्न- पंजीयन के विशिष्ट मामलों का वर्णन कीजिए।
  89. प्रश्न- अनिवासी कराधेय व्यक्ति को परिभाषित कीजिए तथा इसकी पंजीयन प्रक्रिया बताइए।
  90. प्रश्न- जॉब वर्कर तथा विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थित इकाई के पंजीयन को बताइए।
  91. प्रश्न- कौन-कौन से व्यक्ति कम्पोजीशन लेवी का विकल्प चुन सकते हैं? इस स्कीम को अपनाने के अपात्र व्यक्ति कौन हैं?
  92. प्रश्न- कम्पोजीशन लेवी का विकल्प कौन चुन सकता है?
  93. प्रश्न- कम्पोजीशन स्कीम के अपात्र व्यक्ति बताइये।
  94. प्रश्न- कम्पोजीशन स्कीम हेतु शर्तें तथा प्रतिबन्ध बताइये। शर्तों के अतिलंघन के सम्बन्ध में दण्ड के क्या प्रावधान हैं?
  95. प्रश्न- कम्पोजीशन स्कीम की शर्तों के उल्लंघन की दशा में दण्ड का प्रावधान बताइए।
  96. प्रश्न- वे कौन से व्यक्ति हैं जो पंजीयन हेतु दायी नहीं होते हैं?
  97. प्रश्न- आकस्मिक कराधेय व्यक्ति तथा अनिवासी कराधेय व्यक्ति में अन्तर बताइये।
  98. प्रश्न- टिप्पणी लिखिये- (a) पंजीयन प्रमाणपत्र की वैधानिकता, (b) पंजीयन हेतु वाँछनीय सूचनाएँ, (c) पंजीयन आवेदनपत्र पर हस्ताक्षरी, (d) अग्रिम कर जमा करना।
  99. प्रश्न- पंजीयन प्रमाणपत्र का निरस्तीकरण समझाइए।
  100. प्रश्न- 'पंजीकरण के निरस्तीकरण का खण्डन' बताइये।
  101. प्रश्न- समझाइये कि 'कम्पोजीशन लेवी एक विकल्प मात्र है।
  102. प्रश्न- कम्पोजीशन लेवी के तहत कर की दरें बताइये।
  103. प्रश्न- कर बीजक से आप क्या समझते हैं? इसकी विषय सामग्री, समय तथा जारी करने की पद्धति को स्पष्ट कीजिए।
  104. प्रश्न- कर बीजक को जारी करने के समय के बारे में बताइए।
  105. प्रश्न- कर बीजक को जारी करने की रीति समझाइये।
  106. प्रश्न- कर बीजक की विषय-सामग्री क्या होती है?
  107. प्रश्न- निम्नलिखित को समझाइए- (a) संशोधित कर बीजक (b) समेकित कर बीजक, (c) प्राप्ति प्रमाणक का निर्गमन, (d) रिफण्ड या वापसी बाउचर का निर्गमन, (e) प्रतिलोभी प्रभार के तहत बीजक, तथा भुगतान वाउचर।
  108. प्रश्न- समेकित कर बीजक क्या होता है? आपूर्ति का बिल कब निर्गमित किया जाता है? इसमें दी जाने वाली सूचनाएँ बताइए।
  109. प्रश्न- प्राप्ति प्रमाणक क्या होता है? इसकी विषय-वस्तु बताइए।
  110. प्रश्न- रिफण्ड वाउचर के निर्गमन को समझाइए।
  111. प्रश्न- प्रतिलोमी प्रभार के तहत बीजक के बारे में क्या प्रावधान हैं? भुगतान प्रमाणक के बारे में भी समझाइए।
  112. प्रश्न- विशेष मामलों में कर बीजक को समझाइये।
  113. प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए-
  114. प्रश्न- क्रेडिट तथा डेबिट नोट को समझाइए।
  115. प्रश्न- ई-वे बिल क्या है? इसकी विशेषताएँ तथा आवश्यकता को समझाइए।
  116. प्रश्न- माल एवं सेवा कर विधान के अन्तर्गत अंकेक्षण के बारे में बताइए तथा निम्नलिखित को समझाइए- (a) चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट अथवा कॉस्ट एकाउण्टेन्ट द्वारा अंकेक्षण, (b) कर प्राधिकारियों द्वारा अंकेक्षण, तथा (c) विशेष अंकेक्षण।
  117. प्रश्न- माल एवं सेवा कर विधान के अन्तर्गत अंकेक्षण के प्रकार बताइए। चार्टर्ड एकाउण्टेन्ट
  118. प्रश्न- कर प्रधिकारियों द्वारा अंकेक्षण को समझाइए।
  119. प्रश्न- विशेष अंकेक्षण को समझाइए।
  120. प्रश्न- कर निर्धारण से आप क्या समझते है? इसमें क्या-क्या शामिल रहता है? वर्णन कीजिए।
  121. प्रश्न- अस्थायी कर निर्धारण को समझाइए।
  122. प्रश्न- सारांश निर्धारण क्या है?
  123. प्रश्न- सर्वोत्तम निर्णय कर निर्धारण को समझाइए।
  124. प्रश्न- HSN कोड का वर्णन कीजिए।
  125. प्रश्न- इनपुट सेवा वितरक से आप क्या समझते हैं?
  126. प्रश्न- इनपुट सेवा वितरक की भूमिका बताइए।
  127. प्रश्न- माल तथा सेवा कर पहचान संख्या की संरचना बताइए।
  128. प्रश्न- माल तथा सेवा कर में सेवा लेखांकन कोड (SAC) को बताइये।

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